SITAMARHI: बिहार में मंत्री एवं विधायकों के बिगड़े एवं विवादित बोल रुक नहीं रहे सत्ता पक्ष हो या विपक्ष दोनों ही अपने शब्दों की मर्यादा को कायम रखने में असफल हुए है ऐसा ही एक मामला सीतामढ़ी से आया जब सरकार में मंत्री. शील मंडल ने सीतामढ़ी में शहीद रामफल मंडल के श्रद्धांजलि सभा के दौरान राजपूत समाज से आने वाले वीर कुंवर सिंह पर विवादित बयान दे दिया.
मंत्री शीला मंडल ने कहा कि एक हाथ कट जाने पर राजपूतों के वीर कुंवर सिंह की इतनी वाह वाही हुई कि आज भी बच्चा बच्चा उनको जानता है, हर किताब में वीर कुंवर सिंह के बारे में बताया जाता है, लेकिन हमारे शहीद रामफल मंडल को कोई नहीं जानता. शीला मंडल ने आगे इसको जाति से जोड़ते हुए कहा कि रामफल मंडल शहीद हुए, अपनी जान की बलि दे दी लेकिन उनको इतना सम्मान नहीं मिला.
इतना पर भी नहीं रुकीं शीला मंडल ने आगे कहा कि अति पिछड़ा जाति के गुणों को दबाया जाता था और दूसरे कुल के गुणों को बढ़ा चढ़ा कर दिखाया जाता था. रामफल मंडल के परिवार को देखकर दुख होता है, अगर ये दूसरे वर्ग से होते तो आज इनके भी बच्चे बड़े बड़े पदों पर होते और पदाधिकारी होते.
गौरतलब हो कि रामफल मंडल आजादी की लड़ाई में शहीद हो गए थे और उनका घर सीतामढ़ी जिला के बाजपट्टी प्रखंड के मथुरापुर में है. 23 अगस्त 1943 को इन्हें ब्रिटिश सरकार द्वारा फांसी दे दिया गया था. रामफल मंडल पर 24 अगस्त 1942 को बाज़पट्टी चौक पर अंग्रेज सरकार के तत्कालीन सीतामढ़ी अनुमंडल अधिकारी हरदीप नारायण सिंह, पुलिस इंस्पेक्टर राममूर्ति झा, हवलदार श्यामलाल सिंह और चपरासी दरबेशी सिंह को गड़ासा से काटकर हत्या करने का आरोप था.